लोकप्रियता से घिरे हुए पूर्ण भारत के हृदय में निवास करने वाले नरेंद्र मोदी को लोग एक मजबूत राजनेता, प्रवक्ता व भारत के प्रधानमंत्री के रूप में जानते हैं लेकिन यह शायद बहुत ही कम लोगों को पता होगा कि मोदी को लिखने का भी शोख हैं। युवावस्था में लिखी गई संवेदना से भरी उनकी यह कहानियां प्रेम और प्यार के अलग-अलग पहलुओं को दर्शाती हैं। नरेंद्र मोदी की नजर में मातृप्रेम ही समस्त प्रेम का सार है और इसकी तुलना पूरे जगत में किसी के यसाथ नहीं की जा सकती है। मनुष्य के बीच अलग-अलग प्रेम इसी मातृप्रेम के विभिन्न रूप में है, चाहे वह प्रेम दोस्तों में हो, अध्यापक का छात्र के लिए, डॉक्टर का मरीज के लिए या फिर पति का पत्नी के लिए। राजपाल प्रकाशन द्वारा प्रकाशित पुस्तक 'प्रेमतीर्थ में प्रेम के विभिन्न पहलुओं पर लिखी उनकी कहानियों को गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय के अध्यापक एवं विभागाध्यक्ष आलोक गुप्ता ने गुजराती से हिंदी में अनुवाद किया है। प्रेम को यथार्थ के धरातल पर ले जाती इन कहानियों से पाठकों तक यह बात भी पहुंचना तय है कि इतने शक्तिशाली राजनीतिक व्यक्तित्व में एक कोमल हृदय भी निवास करता है। किताब की कहानियां इस बात की शिनाख्त भी करती हैं कि राजनीति का यह मंझा खिलाड़ी शब्दों और संवेदनाओं की पहचान भी रखता है। नरेंद्र मोदी ने यह कहानियां अपातकाल लागू होने के समय 1975 से 1977 में लिखी थी।
The book is available at Lelobooks, an online bookstore in India and avail attractive discounts by buying books online. Also get a home delivery of your book. Hurry now!
No comments:
Post a Comment